अपराधी जब भी कोई गलत कार्य या अपराध करते हैं तो कानून से बचने और पुलिस की नजरों में न आये और न ही वो उनको ट्रैक कर पाएं इसके लिए वो बहुत सारे उपाय करते हैं उनमें से एक है Spoofing ,क्या है ये Spoofing आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे।
Spoofing
अपनी असली पहचान को छुपा कर नकली पहचान बना कर मिसयूज़ करना स्पूफिंग कहलाता है और इसको use या स्पूफिंग करने वाले लोग spoofer कहलाते हैं।मजबूत इंटरनेट सिक्युरिटी सॉफ्टवेयर आपको धोखाधड़ी वाली साइटों से बचा सकता है
स्पूफिंग में स्पूफर्स कुछ एप्लीकेशंस या सॉफ्टवेयर (ऑनलाइन या ऑफलाइन ) का इस्तेमाल करके अपनी खुद की पहचान छुपा देते हैं और नकली आईडी को एक नए नाम पहचान की तरह इस्तेमाल करते हैं ।ऐसा करने से जब भी ये आपसे कम्युनिकेट करेंगे तो उनका असली या रियल नंबर और रियल आईपी एड्रेस आपको नही पता चलेंगे और स्पूफिंग करने से नकली पहचान वाले के आईपी एड्रेस या नंबर आपको दिखेंगे ।
ये टेक्नोलॉजी का सबसे वीक पांइट है ,स्पूफिंग जिससे आये दिन फ्रॉड की खबरे सुनने को मिलती है।इस विषय को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए।
आज कल Spoofer 5 तरीकों से स्पूफिंग टेक्निक का इस्तेमाल करते हैं।
- IP spoofing
- Caller ID spoofing
- Email spoofing
- ARP spoofing
- Content spoofing
1-IP Spoofing
आईपी स्पूफिंग में स्पूफर अपने कंप्यूटर के आईपी ऐड्रेस को किसी दूसरी IP ऐड्रेस से बदल देता है। जैसे कि किसी भी वेबसाइट की IP ऐड्रेस को नकली IP ऐड्रेस से बदल देना।
इसे रोकने के लिए कुछ सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर अवेलेबल है लेकिन बहुत कम लोग ही इनके बारे में जानते है और इनका इस्तेमाल बहुत कम लोग करते हैं।
2-Caller Spoofing
कॉलर स्पूफिंग सबसे ज्यादा देखने मे आती है ।इस स्पूफिंग में कॉल करने वाले का असली नंबर और असली लोकेशन spoof हो जाती है या यूं कहें हमको दूसरी लोकेशन दिखायी जाती है ।जैसा कि हम आमतौर पर मूवीज़ में देखते है कि कैसे स्पूफर या हैकर अपनी काल की लोकेशन को बाउंस करते हैं।ये सब स्पूफिंग सॉफ्टवेयर से स्पूफर करते हैं।
3-EMail Spoofing
इस तरह की स्पूफिंग ज्यादा की जाती है ।आपके ईमेल एडरेस पर लॉटरी जीतने का ,या फ़ोन जीतने का या ऐसा कोई और आफर जिसके बारे में न आप जानते हो न ही आपने कभी पार्टिसिपेट किया फिर भी आपको को मेल आता है ।ये सारे मेल स्पूफर द्वारा भेजे जाते हैं ।जिनको आम लोग बिना जाने समझे उस मेल को ओपन कर देते हैं जिसमे न जाने कौन सा वायरस ,या मैलवेयर हो सकता है जो आपके सिस्टम में अपने आप इंस्टाल होकर आपके device की सारी जानकारी हैक कर सकता है आपकी device का कंट्रोल अपने हाथ मे ले सकता है।
इसलिए ऐसे unknown email को न खोले ये आपके तथा आपकी डिवाइस के लिए ख़तरनाक हो सकते हैं।
4-ARP Spoofing
इस तरह की स्पूफ़िंग का इस्तेमाल में लोकल एरिया नेटवर्क (LAN ) को हैक करने के लिए किया जाता है इस वजह से रिसीवर को बिल्कुल भी शक नहीं होता।इसमे रिसीवर सेंडर के कम्युनिकेशन नेटवर्क को हैक कर लिया जाता है और स्पूफर रिसीवर को खुद कम्युनिकेट करने लगता है। arp spoofing डाटा को कॉपी करने के लिए किया जाता है।
5-Content Spoofing
कंटेंट स्पूफ़िंग आईपी स्पूफिंग की तरह ही है बस फर्क इतना है कि इसमें किसी और वेबसाइट या इंफॉर्मेशन को use करके रिसीवर से कांटेक्ट किया जाता है और जब रिसीवर को इस नकली कंटेंट पर भरोसा हो जाता है तब वो अपना काम या स्पूफिंग करते हैं।
इस तरह की स्पूफिंग बल्क में की जाती है,जैसे हमको मोबाइल पर ऐसे sms आते हैं जो हमको अपनी इनफार्मेशन दे तो देते हैं पर हम उनसे कांटेक्ट नही कर पाते ।और तो और हम कभी-कभी उन sms में दी गई likns पर किल्क भी कर देते हैं जिससे उनका काम आसान हो जाता है।
स्पूफिंग रोकने के उपाय
- हमको जिस भी डिवाइस और जिस भी प्लेटफॉर्म का use कर रहे हो उसका पूरा ज्ञान हमे होना चाहिये तथा टेक्नोलॉजी का पूरा ज्ञान भी होना जरूरी है।
- साइबर क्राइम की जानकारी भी होनी जरूरी है।
- सिक्योरिटी सॉफ्टवेर का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
- किसी भी unknown सौर्स या unknown ट्रैफिक से आने वाले किसी भी तरह के मैसेज ईमेल या प्रमोशनल ऑफर में दी गई लिंक्स पर न क्लिक करें और न ही उनको एक्सेप्ट करें।
- एडवर्टाइजमेंट में दी गई एप्लीकेशन को इंस्टॉल न करें।
- नई एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर सिर्फ ट्रस्टेड सोर्स से ही इनस्टॉल करें।
- पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल न करें।
- लोकल एरिया नेटवर्क में 100% सिक्योरिटी संभव नहीं हो पाती इसलिए LAN को पासवर्ड से सुरक्षित रखें।
- TCP/IP और SMTP प्रोटोकॉल्स के अंदर मौजूद कमियों को दूर करें।