Kidney Function Test की मदद से हम किडनी सम्बन्धी परेशानियो को जान सकते हैं। KFT से किडनी की कार्य क्षमता जान सकते हैं। इसे RFT =Renal function test भी कहा जाता है। KFT क्या है, और इसमें कौन -कौन सी जाँचे होती है चलिए जानते हैं।
Kidney Function Test (KFT )
इस टेस्ट की मदद से हम किडनी सम्बन्धी परेशानियो को जान सकते हैं। जैसे पथरी,किडनी फेलियर ,किडनी की टीबी पेशाब थैली का कैंसर ,यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन अदि।
ये टेस्ट खाली पेट (9 से 12 घंटे ) कराना चाहिए। KFT के अंदर निम्नलिखित टेस्ट होते हैं।
Test Name | Normal Value | Critical Value | Conclusion |
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Urea Test | 15-45 gm/dl | 10 से कम या 100 से ज्यादा | एक्यूट और क्रोनिक किड्नी की बीमारी |
क्रेटनिन | 0.6-1.2 mg/dl | 0.4 से कम या 3 से ज्यादा | किड्नी की बीमारी |
Uric Acid | Male-3.6-7.7 mg/dl Female-2.5-6.8 mg/dl | 1.5 से कम या 10 से ज्यादा | किड्नी की बीमारी |
Sodium | 130-150 mmol/L | 125 से कम या 150 से ज्यादा | नमक और पानी की कमी से किड्नी फंक्शन में गड़बड़ी होती है। |
Potassium | 3.5-5.5 mmol/L | 3 से कम या 5.5 से ज्यादा | नमक और पानी की कमी से किड्नी फंक्शन में गड़बड़ी होती है। |
Chloride | 95-110 mmol/L | 85 से कम या 110 से ज्यादा | किड्नी फंक्शन में गड़बड़ी होती है। |
Cerium Calcium | 8.4-10.4 mg/dl | 6.5 से कम या 14 से ज्यादा | नमक -पानी की कमी से सुन्न तथा दौरा पड़ने आशंका |
Calcium (Ionic) | 4.6-5.3 mg/ul | 3 से कम या 5.4 से ज्यादा | लेवल कम होने से किडनी फेल होने का ख़तरा |
टेस्ट कराते समय ध्यान देने वाली बातें –
- लगभग सभी टेस्ट खाली पेट करायें।
- ब्लड सैंपल देते वक्त सामान्य रहें। तनाव में ब्लड सैंपल दें।
- टेस्ट हमेशा NABL मान्यता प्राप्त लैब से ही करायें।
- टेस्ट से 12 घंटे पहले कोई मेडिसिन न लें।
- सैंपल देते समय घबराएं नहीं ,आराम से सैंपल दें।
- टेस्ट हमेशा अनुभवी डॉक्टर की सलाह पर करायें।
- 40 से 50 वर्ष की आयु वाले साल में एक बार रूटीन टेस्ट जरूर करायें।
Note :-
ऊपर टेस्ट में दी गई रेफरेन्स रेंज ,सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल पर आधारित हैं। अलग-अलग लैब के द्वारा किये गए टेस्ट की रेफरेन्स रेंज अलग-अलग हो सकती हैं।
लैब द्वारा दिए गए टेस्ट की रेफरेन्स रेंज का आकलन खुद न करके अनुभवी डॉक्टर करायें।