हमारे स्वास्थ्य के लिए कुछ Important Body Test होते हैं जिनको हमें समय रहते कराते रहना चाहिए। जिससे हमे बाद में दिक्कत न हो। आइए जानते उन Important Body Test के बारे में –
1-Complete Blood Count –
ब्लड टेस्ट important टेस्ट होता है लगभग सभी बिमारियों में किया जाता है। इस टेस्ट को कराने से ख़ून की कमी ,इन्फेक्शन ,कैंसर ,एनीमिया आदि बिमारियों का पता लगाया जाता है।

Hemoglobin
ब्लड टेस्ट करने से हमको अपने खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा का पता चलता है। हीमोग्लोबिन की मात्रा male में 12 -18 gm % तथा female में 11.5 -16.5 gm % होना चाहिए।
हीमोग्लोबिन की निश्चित मात्रा से कम होने पर एनीमिया तथा ज्यादा होने पर पॉलीसिथेमिया होने का ख़तरा होता है।
TLC (टोटल ल्यूकोसाइट काउंट )
TLC की मात्रा 4000 से 11000 cumm होनी चाहिए। TLC की मात्रा कम होने पर एनिमिया तथा बोन मेरो डिसॉर्डर हो सकता है। TLC की मात्रा ज्यादा होने पर ल्युकेमिआ होने का ख़तरा बन जाता है।
RBC (रेड ब्लड सेल काउंट )
इस टेस्ट से हमे अपने बॉडी में होने वाली खून की कमी के बारे में जानकारी मिलती है। RBC की मात्रा male में 4.5 – 6.5 million/ul तथा female में 3.8 – 6.8 million/ul होनी चाहिए।
प्लेटलेट्स काउंट
खून में प्लेट-लेट्स की संख्या कम होने से डेंगू जैसी बीमारी होने का ख़तरा बना रहता है। प्लेट-लेट्स की संख्या 1,50,000 से 4,50,000/ul होनी चाहिए। इससे ज्यादा या कम होना हानिकारक है।
ESR Westergren
बॉडी में होने वाली खून की कमी तथा सूजन की जानकारी ESR westergren से पता की जा सकती है। ESR की नार्मल वैल्यू value 0 – 22 mm 1st Hr है। इससे ज्यादा या कम होने पर संक्रमण तथा खतरा हो सकता है।
Leucocyte count
ल्यूकोसाइट काउंट की वैल्यू 20 % से 40 % होनी चाहिए। ल्यूकोसाइट काउंट ज्यादा होने पर एक्यूट वायरल इन्फेक्शन ,टीबी ,लिम्फोटिक ल्युकेमिआ का खतरा होता है।
ल्यूकोसाइट काउंट कम होने पर ऐप्लेस्टिक एनीमिया ,बोन मेरो डैमेज तथा ऑटो इम्यून डिसॉर्डर समस्या हो सकती है।
Monocytes
इसकी नॉर्मल वैल्यू 2 से 10 % होती है।
2-Kidney Function Test (KFT )
इस टेस्ट की मदद से हम किडनी सम्बन्धी परेशानियो को जान सकते हैं। जैसे पथरी,किडनी फेलियर ,किडनी की बीमारी ,टीबी, पेशाब की थैली का कैंसर ,यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन आदि ।
ये टेस्ट खाली पेट (9 से 12 घंटे पहले ) कराना चाहिए। KFT के अंदर निम्नलिखित टेस्ट होते हैं।
Test Name | Normal Value | Critical Value | Conclusion |
Urea Test | 15-45 gm/dl | 10 से कम या 100 से ज्यादा | एक्यूट और क्रोनिक किड्नी की बीमारी |
क्रेटनिन | 0.6-1.2 mg/dl | 0.4 से कम या 3 से ज्यादा | किड्नी की बीमारी |
Uric Acid | Male-3.6-7.7 mg/dl Female-2.5-6.8 mg/dl | 1.5 से कम या 10 से ज्यादा | किड्नी की बीमारी |
Sodium | 130-150 mmol/L | 125 से कम या 150 से ज्यादा | नमक और पानी की कमी से किड्नी फंक्शन में गड़बड़ी होती है। |
Potassium | 3.5-5.5 mmol/L | 3 से कम या 5.5 से ज्यादा | नमक और पानी की कमी से किड्नी फंक्शन में गड़बड़ी होती है। |
Chloride | 95-110 mmol/L | 85 से कम या 110 से ज्यादा | किड्नी फंक्शन में गड़बड़ी होती है। |
Cerium Calcium | 8.4-10.4 mg/dl | 6.5 से कम या 14 से ज्यादा | नमक -पानी की कमी से सुन्न तथा दौरा पड़ने आशंका |
Calcium (Ionic) | 4.6-5.3 mg/ul | 3 से कम या 5.4 से ज्यादा | लेवल कम होने से किडनी फेल होने का ख़तरा |
3-Liver Function Test (LFT)
Liver function tests is one type of blood Test , जिसे लीवर की बीमारी के लिए उपयोग में लाया जाता है। यह टेस्ट ब्लड में कुछ विशेष एंजाइमों और प्रोटीन के स्तर को नापता हैं।
इस टेस्ट को कभी भी कराया जा सकता है। इस टेस्ट की मदद से जॉन्डिस ,टीबी ,लीवर का कैंसर ,वायरल हेपेटाइटिस आदि बिमारियों का पता लगाया जाता है।
Test Name | Normal Value | Critical Value | Conclusion |
SGOT | 15-50 U/L | 5 से कम या 1000 से ज्यादा | लिवर या हार्ट समस्या ,जॉन्डिस की बीमारी |
SGPT | 15-50 U/L | 1 से कम या 1000 से ज्यादा | लिवर, जॉन्डिस की बीमारी |
Total Bilirubin | 0.2-1.2 mg/dl | 0.2 से कम या 15 से ज्यादा | लिवर, जॉन्डिस की बीमारी |
Alkaline Phosphate | Male 40-130 U/L Female-35 U/L | 125 से कम या 150 से ज्यादा | |
Total Protein | 6-8 gm/dl | 4 से कम या 10 से ज्यादा | लिवर, जॉन्डिस प्रोटीन की कमी |
Albumin | 3.5-5.5 gm/dl | 2 से कम या 8 से ज्यादा | लिवर, जॉन्डिस प्रोटीन की कमी |
जॉन्डिस के लक्षण दिखते ही आपको लीवर का टेस्ट कराना चाहिए। अगर आप इसको नज़रअंदाज करेंगे तो लीवर सिरोसिस का ख़तरा हो सकता है ,जो ख़तरनाक एवं जानलेवा बीमारी है।
4-Sugar ,PP Test
इस टेस्ट की सहायता से ग्लूकोज लेवल तथा डाइबिटीज़ की जानकारी ली जाती है।

Random Sugar Test
इसकी नार्मल रेफरेन्स रेंज 70 -140 mg /dl है।नॉर्मल रीडिंग से ज्यादा होने पर डाइबिटीज़ का ख़तरा रहता है।इस टेस्ट को खाना खाने से पहले या बाद में करा सकते हैं।
Glucose Fasting Level
इसकी नार्मल रेफरेन्स रेंज 70 -110 mg /dl है , value ज्यादा होने पर डाइबिटीज़ का ख़तरा रहता है। इस टेस्ट को कराने से पहले लगभग 9 -12 घंटे तक पानी के अलावा कुछ न लें।
PP Test
इसकी नार्मल रेफरेन्स रेंज 90 -160 mg /dl है।रीडिंग ज्यादा होने पर डाइबिटीज़ का ख़तरा रहता है।इस टेस्ट को खाना खाने के 2 घंटे बाद करा सकते हैं।
5 -HbA1C Test

ये टेस्ट ब्लड शुगर के लिए बेस्ट है ये तीन महीने तक के ब्लड शुगर का एवरेज बता देता है इसकी साहयता से डाइबिटीज़ की जानकारी लेते हैं। HbA1C Test की नॉर्मल रिफरेन्स रेंज 4.4 -6.4 है।
6 -ECG Test
इस टेस्ट की साहयता से हार्ट तथा हाई ब्लड प्रेशर सम्बन्धी जानकारी प्राप्त की जाती है।

इस टेस्ट की वैल्यू अगर क्रिटिकल आती है, तो ये चिंताजनक है। इसमें इमरजेंसी भी हो सकती है।
7 -Thyroid Test (T3 T4)
इस टेस्ट की साहयता से हाइपर तथा हाइपो थाइरोइड की जानकारी प्राप्त की जाती है।

Thyroid Test की नार्मल रेफ़्रेन्स रेंज की रीडिंग से अगर ज्यादा रीडिंग आये तो हाइपो थाइरोइड और यदि रीडिंग कम आये तो हाइपर थाइरोइड की आशंका होती है।
8-Lipid Profile Test
A complete cholesterol test is called lipid profile Test .इसकी नार्मल रेफरेन्स रेंज 130 -2300 mg /dl है।

100 से कम या 300 से ज्यादा रीडिंग होने पर cholesterol बढ़ा होने का ख़तरा रहता है।
9-B-12 Level Test
इस टेस्ट की साहयता से मल्टी ऑर्गन फंक्शन ,नर्वस सिस्टम तथा न्यूरो सम्बंधित बिमारिओं का पता लगाया जाता है। बी-12 लेवल की नार्मल रेफरेन्स रेंज 197 -771 mg/dl है। थकान ,शरीर में पीलापन होना ,चक्कर आना ऐसे लक्षण दिखें तो बी-12 लेवल टेस्ट करवाएं।
10-Vitamin D3 (25-OH) Test
हड्डियों सम्बंधित बिमारिओं के लिए Vitamin D3 टेस्ट हैं, इसकी नार्मल रेफरेन्स रेंज 25 -100 ng/ml है।
11 -अल्ट्रासाउंड
पेट सम्बन्धी सभी बिमारिओं के लिए अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए।
ब्रैस्ट कैंसर जानने के लिए ब्रैस्ट का भी अल्ट्रासाउंड टेस्ट किया जाता है।
12 -स्टूल Test
नवजात बच्चे तथा 0 -13 वर्ष तक के सभी बच्चों का स्टूल टेस्ट कराना चाहिए। इस टेस्ट की मदद से इंटेस्टाइनल इन्फेक्शन, स्टमक इन्फेक्शन तथा पेट सम्बन्धी और पेट में कीड़ा होने की जानकारी मिलती है। ये टेस्ट बड़े आयु के लोग भी करा सकते हैं।
13 -यूरिन Test
मनुष्य शरीर की लगभग 50 फीसदी बिमारिओं का पता इस टेस्ट की साहयता से चल जाता है। इस टेस्ट से गुर्दे ,लिवर , पेशाब में जलन , यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन आदि बिमारिओं का पता चलता है। इस टेस्ट के लिए सुबह पहली यूरिन का टेस्ट करायें।
14 -PSA Test
प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन (PSA) इस टेस्ट की साहयता से प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाया जाता है। इसकी नार्मल रेफरेन्स रेंज 0 -3.1 है।
15 -PS Test
इस टेस्ट की साहयता से सर्वाइकल कैंसर का पता लगाया जाता है।
टेस्ट कराते समय ध्यान देने वाली बातें –
- लगभग सभी टेस्ट खाली पेट करायें।
- ब्लड सैंपल देते वक्त सामान्य रहें। तनाव में ब्लड सैंपल ना दें।
- टेस्ट हमेशा NABL मान्यता प्राप्त लैब से ही करायें।
- टेस्ट से 12 घंटे पहले कोई मेडिसिन न लें।
- सैंपल देते समय घबराएं नहीं ,आराम से सैंपल दें।
- टेस्ट हमेशा अनुभवी डॉक्टर की सलाह पर करायें।
- 40 से 50 वर्ष की आयु वाले साल में एक बार रूटीन टेस्ट जरूर करायें।
Note :-
सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के लिखने पर सभी टेस्ट मुफ्त में किये जाते हैं।
ऊपर टेस्ट में दी गई रेफरेन्स रेंज ,सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल पर आधारित हैं। अलग-अलग लैब के द्वारा किये गए टेस्ट की रेफरेन्स रेंज अलग-अलग हो सकती हैं।
लैब द्वारा दिए गए टेस्ट की रेफरेन्स रेंज का आकलन खुद न करके अनुभवी डॉक्टर से करायें।