ब्लड टेस्ट important टेस्ट होता है लगभग सभी बीमारीओं में किया जाता है। ब्लड शरीर का तरल पदार्थ है जो कोशिकाओं में पोषक तत्वों और ऑक्सीजन जैसे आवश्यक पदार्थों को वितरित करता है।
ब्लड कोशिकाओं से चयापचय अपशिष्ट उत्पादों को स्थानांतरित करता है।ब्लड टेस्ट को कराने से ख़ून की कमी ,इन्फेक्शन ,कैंसर ,एनीमिया आदि बीमारीओं का पता लगाया जाता है।
Complete Blood Count –
ब्लड टेस्ट एक important टेस्ट होता है,जो लगभग सभी बिमारिओं में किया जाता है। इस टेस्ट को कराने से ख़ून की कमी ,इन्फेक्शन ,कैंसर ,एनीमिया आदि बीमारीयों का पता लगाया जाता है।

Hemoglobin
ब्लड टेस्ट करने से हमको अपने खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा का पता चलता है। हीमोग्लोबिन की मात्रा male में 12 -18 gm % तथा female में 11.5 -16.5 gm % होना चाहिए।
हीमोग्लोबिन की निश्चित मात्रा से कम होने पर एनीमिया तथा ज्यादा होने पर पॉलीसिथेमिया होने का ख़तरा होता है।
TLC (टोटल ल्यूकोसाइट काउंट )
TLC की मात्रा 4000 से 11000 cumm होनी चाहिए। TLC की मात्रा कम होने पर एनिमिया तथा बोन मेरो डिसॉर्डर हो सकता है। TLC की मात्रा ज्यादा होने पर ल्युकेमिआ होने का ख़तरा बन जाता है।
RBC (रेड ब्लड सेल काउंट )
इस टेस्ट से हमे अपने बॉडी में होने वाली खून की कमी के बारे में जानकारी मिलती है। RBC की मात्रा male में 4.5 – 6.5 million/ul तथा female में 3.8 – 6.8 million/ul होनी चाहिए।
प्लेटलेट्स काउंट
खून में प्लेटलेट्स की संख्या काम होने से डेंगू जैसी बीमारी होने का ख़तरा बना रहता है। प्लेटलेट्स की संख्या 1,50,000 से 4,50,000/ul होनी चाहिए। इससे ज्यादा या कम होना हानिकारक है।
ESR Westergren
बॉडी में होने वाली खून की कमी तथा सूजन की जानकारी ESR westergren से पता की जा सकती है। ESR की नार्मल वैल्यू value 0 – 22 mm 1st Hr है। इससे ज्यादा या कम होने पर संक्रमण तथा खतरा हो सकता है।
Leucocyte count
ल्यूकोसाइट काउंट की वैल्यू 20 % से 40 % होनी चाहिए। ल्यूकोसाइट काउंट ज्यादा होने पर एक्यूट वायरल इन्फेक्शन ,टीबी ,लिम्फोटिक ल्युकेमिआ का खतरा होता है।
ल्यूकोसाइट काउंट कम होने पर ऐप्लेस्टिक एनीमिया ,बोन मेरो डैमेज तथा ऑटो इम्यून डिसॉर्डर समस्या हो सकती है।
Monocytes
इसकी नॉर्मल वैल्यू 2 से 10 % होती है।
टेस्ट कराते समय ध्यान देने वाली बातें –
- लगभग सभी टेस्ट खाली पेट करायें।
- ब्लड सैंपल देते वक्त सामान्य रहें। तनाव में ब्लड सैंपल दें।
- टेस्ट हमेशा NABL मान्यता प्राप्त लैब से ही करायें।
- टेस्ट से 12 घंटे पहले कोई मेडिसिन न लें।
- सैंपल देते समय घबराएं नहीं ,आराम से सैंपल दें।
- टेस्ट हमेशा अनुभवी डॉक्टर की सलाह पर करायें।
- 40 से 50 वर्ष की आयु वाले साल में एक बार रूटीन टेस्ट जरूर करायें।
Note :-
ऊपर टेस्ट में दी गई रेफरेन्स रेंज ,सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल पर आधारित हैं। अलग-अलग लैब के द्वारा किये गए टेस्ट की रेफरेन्स रेंज अलग-अलग हो सकती हैं।
लैब द्वारा दिए गए टेस्ट की रेफरेन्स रेंज का आकलन खुद न करके अनुभवी डॉक्टर करायें।