यह पाचन तंत्र से संबंधित आम समस्या है,एसिडिटी की समस्या लगभग सभी को कभी न कभी हो जाती है। दरअसल जब हम भोजन को अप्राकृतिक बना लेते हैं, तो हमारा पाचन तंत्र ठीक तरीके से काम नहीं करता है। एसिडिटी होने की यही मूल वजह है।
बार बार एसिडिटी क्यों होती है? एसिडिटी को कैसे खत्म करें? एसिडिटी होने पर क्या नहीं खाना चाहिए? एसिडिटी के लक्षण, कारण और घरेलू उपाय , Symptoms, Causes and Home Remedies for Acidity
एसिडिटी, जिसे एसिड रिफ्लक्स या सीने में जलन के रूप में भी जाना जाता है, एक सामान्य स्थिति है जो कई लोगों को प्रभावित करती है। यह तब होता है जब पेट का एसिड वापस अन्नप्रणाली में प्रवाहित होता है, जिससे छाती और गले में जलन होती है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम एसिडिटी के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में चर्चा करेंगे।
Symptoms of Acidity
एसिडिटी का सबसे आम लक्षण छाती या गले में जलन होना है। अन्य लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- गला खराब होना
- कर्कशता
- डकार आना
- मतली
- सूजन
- निगलने में कठिनाई
ये सारे लक्षण एसिडिटी के होते हैं।
एसिडिटी or हार्ट बर्निंग
भोजन करने के बाद जब भोजन पेट के अंदर पाचन तंत्र में पहुंचता है, तब इस भोजन को पचाने के लिए एक एसिड हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनता है। यह पेट में भोजन को पचाने का काम करता है। जब यह एसिड पेट में जरूरत से ज्यादा बनने लगे तो एसिडिटी हो जाती है। इससे पेट में जलन होने लगती है, जो छाती तक पहुंच जाती है। इसे हार्ट बर्निंग भी कहा जाता है।
अत्यधिक तैलीय और मसालेदार भोजन करने से पेट में पित्त के बढ़ने से एसिडिटी की शिकायत हो जाती है और पेट में जलन एवं खट्टी डकारों का सामना व्यक्ति को करना पड़ता है।
हमारे पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड पेपसीन मौजूद होता है जो भोजन के पाचन में अहम भूमिका निभाता है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड भोजन को टुकड़ों में तोड़ता है और बाहरी बैक्टेरिया से रोगों को बचाता है।
हमारे पेट की परत इस एसिड के लिए अनुकूलित होती है इसलिए यह पेट को नुकसान नहीं पहुँचाती।
Note-एसिडिटी यदि बार-बार होती है तो यह गैस्ट्रो इसोफेगल डिजीज (Gastro Esophageal Disease (GERD) में भी बदल सकती है।
एसिडिटी होने के कारण
1-अधिक मात्रा में ज्यादा मीठी चाय-काफी पीने से एसिडिटी हो जाती है ।
2-रात में देर तक जागने से एसिडिटी हो जाती है क्योंक देर ताम जागने के समय स्नैक्स खाते रहने की वजह इसके मुख्य कारण है।
3-खाना चबाकर न खाने से भी एसिडिटी हो जाती है क्योंकि जब हम बिना चबाये खाना खाते1 है तो इसका पाचन मुश्किल से होता है और जल्दी जल्दी खाने की वजह एसिडिटी होजाती है।
4-खाने के बाद बाद ज्यादा पानी पीने से भी एसिडिटी हो जाती है क्योंकि जब हम पानी खाना खाने के बाद पीते तो ये पाचन क्रिया को स्लो1 कर देता है या जठर अग्नि को बुझा देता है फलस्वरूप एसिडिटी हो जाती है
5-नींद पूरी न होने से भी एसिडिटी होजाती है
6-ज्यादा स्मोकिंग और अल्कोहल से एसिडिटी हो जाती है ।
7- तला खाना तथा जंक फूड खाने से एसिडिटी होने के चान्स बढ़ जाते हैं।
8-सुबह देर तक सोने की वजह से एसिडिटी हो जाती है ।
9-ओवरईटिंग से भी एसिड ज्यादा बनने लगता है कर एसिडिटी होती है।
10-खाते वक्त खाने पर फ़ोकस न होने से एसडी हो जाती है।
11-ज्यादा स्ट्रेस लेने सेभी एसिडिटी हो जाती है।
12-मीठे खाने का बाद नींबू का सेवन करनेसे एसिडिटी भो जाती है।
13-हायटल हर्निया: यह स्थिति तब होती है जब पेट का ऊपरी हिस्सा डायाफ्राम के माध्यम से और छाती में धकेलता है, जिससे एसिड को अन्नप्रणाली में वापस धकेला जा सकता है।
14- कुछ खाद्य पदार्थ और पेय एसिड रिफ्लक्स को ट्रिगर कर सकते हैं, जिसमें मसालेदार भोजन, खट्टे फल, चॉकलेट, कैफीन और शराब शामिल हैं।
15-जयादा पैन किलर खाने से भी एसडिटी हो सकती है।
Treatment of Acidity
Acidity के लिए उपचार
अपना आहार बदलना:
Acidity का इलाज जीवन शैली में परिवर्तन और दवा के संयोजन से किया जा सकता है। कुछ सबसे प्रभावी उपचारों में शामिल हैं:
एसिड रिफ्लक्स को ट्रिगर करने वाले खाद्य पदार्थों और पेय से बचना लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
वजन कम करना:
वजन कम करने से पेट पर दबाव कम हो सकता है और एसिड को अन्नप्रणाली में वापस बहने से रोकने में मदद मिल सकती है।
MEDICINES या दवाएं:
बिना पर्ची के मिलने वाले एंटासिड पेट के एसिड को बेअसर कर सकते हैं और एसिडिटी से राहत दिला सकते हैं।
लाइफ स्टाइल में बदलाव करना:
धूम्रपान से दूर रहना और तनाव कम करना एसिडिटी को रोकने में मदद कर सकता है।
एसिडिटी एक निराशाजनक और असुविधाजनक स्थिति हो सकती है, लेकिन सही उपचार और जीवनशैली में बदलाव के साथ, आप अपने लक्षणों को कम कर सकते हैं और अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।
यदि आप एसिडिटी का अनुभव कर रहे हैं, तो अपने लिए सबसे अच्छी उपचार योजना निर्धारित करने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
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